पं. लखमीचन्द कृत भजन . हे ईश्वर तू सबके हे ईश्वर तू सबके बिगड़े हुए समारै काम। हरे राम, हरे राम, हरे राम।।। टेक।। भली जगांह पै नाश घाल दे। मुर्दे म्हं भी सांस घाल दे। राजा नै बनवास घाल दे, उठा दे कष्ट तमाम। हरे राम, हरे राम, हरे राम।।। 1।। बु(ि नै तूं बणा अस्थिर दे। दुख सुख की बता खबर दे। एक पल छन म्हं करदे, तू प्रभु गोरा काला चाम। हरे राम, हरे राम, हरे राम।।। 2।। माया रचकै तू खेल खिला दे। दुख सुख दे कै तुरन्त भुला दे। तलै गिरा दे, स्वर्ग झूला दे, दिखा दे सच्चा धाम। हरे राम, हरे राम, हरे राम।।। 3।। लखमीचन्द तै साज दे दिया। एक कंगले तै ताज दे दिया। हट कै नल तै राज दे दिया, हे सच्चे घनश्याम।।। 4।। प्रस्तुति: सुरेश जांगिड़ उदय, कैथल